शास्त्रों के अनुसार ऐसी होनी चाहिए आपके दिन की शुरुआत, ये है विधान
प्रातः जागरण से स्नान पूर्व के कर्म इन मंत्रों के साथ दिनचर्या की करिए शुरुआत शास्त्रों में विधि-विधान पूर्वक बताया गया है कि मनुष्य को सुबह किस समय उठना चाहिए। कैसे अपनी दिनचर्या शुरू करनी चाहिए। किन मंत्रों के साथ दैनिक कार्यों का निष्पादन करना चाहिए। इस पोस्ट में हम आपको सुबह उठने से लेकर स्नान से पूर्व तक के कर्मों के बारे में बताएंगे। साथ इन कर्मों को करते समय किन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए, इसकी जानकारी भी आपको मिलेगी। ब्रह्म मुहूर्त में जगने का प्रावधान- शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य को सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पूर्व उठ जाना चाहिए। इस बेला को ब्रह्म मुहूर्त भी कहा जाता है। कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त की निद्रा पुण्य का नाश करती है। कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में जो शयन करता है उसे पादकृच्छ् नामक व्रत करके प्रायश्चित करना पड़ता है। ब्राह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी। तां करोति द्विजो मोहात् पादकृच्छे्ण शुद्धयति।। करावलोकन- सुबह उठते ही दोनों हथेलियों को देखते हुए निम्नलिखित श्लोक का पाठ करना चाहिए। कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये